कविता " प्रेम प्रसंग "
किस रुत में खिले थे
ये प्रेम कुसुम ........?
किस रुत में आँधी आई थी ?
किन -किन सपनों ने दम तोड़ा ?
किन सपनों में सच्चाई थी ......?
वे गीत प्यार के कब गाए .......?
कब स्वर में मधुरता छाई थी ....?
कब आस - भरोसे में बदली थी ...?
कब जान पे भी बन आई थी .....?
चलो याद करें वह प्रेम प्रसंग ....!
जब पहली नजर टकराई थी ?
तुम अपने आप से रूठे थे ....!
मैं ख़ुद से ही शरमाई थी ....!
पूजा रानी सिंह
किस रुत में खिले थे
ये प्रेम कुसुम ........?
किस रुत में आँधी आई थी ?
किन -किन सपनों ने दम तोड़ा ? किन सपनों में सच्चाई थी ......?
वे गीत प्यार के कब गाए .......?
कब स्वर में मधुरता छाई थी ....?
कब आस - भरोसे में बदली थी ...?
कब जान पे भी बन आई थी .....?
चलो याद करें वह प्रेम प्रसंग ....!
जब पहली नजर टकराई थी ?
तुम अपने आप से रूठे थे ....!
मैं ख़ुद से ही शरमाई थी ....!
पूजा रानी सिंह
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