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Tuesday, 13 May 2014

कविता " प्रेम प्रसंग " 

किस रुत में खिले थे 
ये प्रेम कुसुम ........?
किस रुत में आँधी आई थी ? 
किन -किन सपनों ने दम तोड़ा ? 
किन सपनों में सच्चाई थी ......?
वे गीत प्यार के कब गाए .......?
कब स्वर में मधुरता छाई थी ....?
कब आस - भरोसे में बदली थी ...?
कब जान पे भी बन आई थी .....?
चलो याद करें वह प्रेम प्रसंग ....!
जब पहली नजर टकराई थी ?
तुम अपने आप से रूठे थे ....!
मैं ख़ुद से ही शरमाई थी ....!

पूजा रानी सिंह

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