" नए वर्ष की पार्टी "
" वाह ! मज़ा आ गया ! ज़बरदस्त स्वाद है यहाँ के खाने का ! वो ग्रीन सैलेड पास करना अमन ! एक मौकटेल भी मँगवा दो ना ! वो खाना निगलने में आसानी रहती है ! "
ख़ूब जमकर खाना खाया साक्षी ने । अमन आज नए साल का यह दिन बहुत शानदार मनाना चाहता था , सो ली मेरीडियन होटल में अरेबियन नाइट्स थीम की बुकिंग की थी उसने । बच्चों के लिए पूरा इन्तज़ाम अलग था , नैनी भी थी और उनके प्रोग्राम अलग चल रहे थे ।
चारों तरफ़ जोड़े मस्ती में घूम रहे थे । पब में , डिस्कों में , बड़ी ही भीड़ थी पर सब इन्जौए कर रहे थे । बड़े डिज़ाइनर का फ़ैशन शो चल रहा था । सबने मिडी या शौर्ट ड्रेस पहन रखी थी , हाई हील , मैचिंग एक्सेसरीज़ के साथ । जैसा सारा माहौल ही जगमगा सा रहा हो ।
अमन भी बीच में कुछ लड़कियों की ख़ूबसूरती और कपड़े निहार रहा था । कभी -कभी जानबूझकर लड़कियों से अनजान बनकर उनसे सटने या उन्हें छूने की कोशिश करता । पर साक्षी तो बस साल का आख़िरी दिन और नए साल का स्वागत भरपूर ख़ुशी से करना चाहती थी , सो ख़ूब नाची म्यूज़िक पर ।
पहली बार वोदका के शौट लगाए ! अपनी ब्लैक एंड व्हाईट मिनी ड्रेस में तो जैसे पंख लगाकर आई हो ! उड़ती हुई सी जाकर अमन के सीने से लिपट जाती । अमन उसे ख़ुश देख मुस्कुराता । इस बार इस एक शाम की दस हज़ार रुपए में बुकिंग की थी ली मेरीडियन में ।
रात दो बजे तक नए साल की धूम मचती रही । अरेबियन डाँसर्स के आते ही सीटियाँ बजने लगीं । पूरा माहौल उत्तेजित हो गया । सारे जोड़े एक दूसरे की बाँहों में झूम रहे थे । सबपर पश्चिमी सभ्यता का ख़ास असर दिख रहा था । इस बार ज़्यादातर परिवार वाले आए थे । होटल में एक रात की बुकिंग पचास हज़ार की चल रही थी । दसियों लोगों ने , रूम भी बुक किया था ।
क़रीब चार बजे सुबह , साक्षी और अमन बच्चों के साथ होटल की कैब से घर पहुँचे । आते ही सब यहाँ -वहाँ बिस्तर पर लुढ़क से गए । सुबह ठीक आठ बजे डोरबेल बजी । किसी तरह अलसाई हुई सी साक्षी उठकर दरवाज़े तक पहुँची ।
मेड ने उसकी ड्रेस देखते ही पूछा -" मैडम ! आप पार्टी से आकर ऐसे ही सो गए ? अच्छा ड्रेस है आपका ? कितने का लिया ? "
" पाँच हज़ार लगे थे ड्रेस में , और पार्टी की बुकिंग दस हज़ार में हुई थी ।" साक्षी उसी अलसाई मुद्रा में बोली ।
" मतलब पंद्रह हज़ार रुपए एक रात की पार्टी के लिए ! मेरी एक महीने की तनख़्वाह प्ंद्रह सौ रुपए है , यानी मेरी पूरे दस महीने की तनख़्वाह आपने एक रात में ख़र्च कर दिए !! " वह आश्चर्य में बोली ।
साक्षी तो सच में दंग रह गई !
" वाक़ई मेरी मेड की पूरी दस महीने की तनख़्वाह !!" उसका सारा पार्टी का नशा एक झटके में उतर गया ।
अब अगले साल सोचना पड़ेगा ।
पूजा रानी सिंह
" वाह ! मज़ा आ गया ! ज़बरदस्त स्वाद है यहाँ के खाने का ! वो ग्रीन सैलेड पास करना अमन ! एक मौकटेल भी मँगवा दो ना ! वो खाना निगलने में आसानी रहती है ! "
ख़ूब जमकर खाना खाया साक्षी ने । अमन आज नए साल का यह दिन बहुत शानदार मनाना चाहता था , सो ली मेरीडियन होटल में अरेबियन नाइट्स थीम की बुकिंग की थी उसने । बच्चों के लिए पूरा इन्तज़ाम अलग था , नैनी भी थी और उनके प्रोग्राम अलग चल रहे थे ।
चारों तरफ़ जोड़े मस्ती में घूम रहे थे । पब में , डिस्कों में , बड़ी ही भीड़ थी पर सब इन्जौए कर रहे थे । बड़े डिज़ाइनर का फ़ैशन शो चल रहा था । सबने मिडी या शौर्ट ड्रेस पहन रखी थी , हाई हील , मैचिंग एक्सेसरीज़ के साथ । जैसा सारा माहौल ही जगमगा सा रहा हो ।
अमन भी बीच में कुछ लड़कियों की ख़ूबसूरती और कपड़े निहार रहा था । कभी -कभी जानबूझकर लड़कियों से अनजान बनकर उनसे सटने या उन्हें छूने की कोशिश करता । पर साक्षी तो बस साल का आख़िरी दिन और नए साल का स्वागत भरपूर ख़ुशी से करना चाहती थी , सो ख़ूब नाची म्यूज़िक पर ।
पहली बार वोदका के शौट लगाए ! अपनी ब्लैक एंड व्हाईट मिनी ड्रेस में तो जैसे पंख लगाकर आई हो ! उड़ती हुई सी जाकर अमन के सीने से लिपट जाती । अमन उसे ख़ुश देख मुस्कुराता । इस बार इस एक शाम की दस हज़ार रुपए में बुकिंग की थी ली मेरीडियन में ।
रात दो बजे तक नए साल की धूम मचती रही । अरेबियन डाँसर्स के आते ही सीटियाँ बजने लगीं । पूरा माहौल उत्तेजित हो गया । सारे जोड़े एक दूसरे की बाँहों में झूम रहे थे । सबपर पश्चिमी सभ्यता का ख़ास असर दिख रहा था । इस बार ज़्यादातर परिवार वाले आए थे । होटल में एक रात की बुकिंग पचास हज़ार की चल रही थी । दसियों लोगों ने , रूम भी बुक किया था ।
क़रीब चार बजे सुबह , साक्षी और अमन बच्चों के साथ होटल की कैब से घर पहुँचे । आते ही सब यहाँ -वहाँ बिस्तर पर लुढ़क से गए । सुबह ठीक आठ बजे डोरबेल बजी । किसी तरह अलसाई हुई सी साक्षी उठकर दरवाज़े तक पहुँची ।
मेड ने उसकी ड्रेस देखते ही पूछा -" मैडम ! आप पार्टी से आकर ऐसे ही सो गए ? अच्छा ड्रेस है आपका ? कितने का लिया ? "
" पाँच हज़ार लगे थे ड्रेस में , और पार्टी की बुकिंग दस हज़ार में हुई थी ।" साक्षी उसी अलसाई मुद्रा में बोली ।
" मतलब पंद्रह हज़ार रुपए एक रात की पार्टी के लिए ! मेरी एक महीने की तनख़्वाह प्ंद्रह सौ रुपए है , यानी मेरी पूरे दस महीने की तनख़्वाह आपने एक रात में ख़र्च कर दिए !! " वह आश्चर्य में बोली ।
साक्षी तो सच में दंग रह गई !
" वाक़ई मेरी मेड की पूरी दस महीने की तनख़्वाह !!" उसका सारा पार्टी का नशा एक झटके में उतर गया ।
अब अगले साल सोचना पड़ेगा ।
पूजा रानी सिंह
